ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर रही जनसंख्या को अन्य स्थानों पर जाकर बसने को बाध्य होना पड़ेगा।
श्री दत्तोपंत जी ठेंगड़ी- “पाश्चात्य आर्थिक प्रणाली भारतीय परम्पराओं के मानकों पर खरी नहीं उतरती है।”
अतिथि लेखक: प्रहलाद सबनानी, सेवा निवृत्त उप महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक श्री दत्तोपंत जी ठेंगड़ी स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक थे| श्री दत्तोपंत जी ने आर्थिक क्षेत्र में साम्यवाद एवं पूंजीवाद के स्थान पर राष्ट्रीयता से ओतप्रोत एक तीसरे मॉडल का सुझाव दिया था। वे अपने उपदेशों में कहा... Continue Reading →
भारत की सफल नेत्रियों में थीं- राजमाता विजयाराजे सिंधिया…
प्रहलाद सबनानी/सेवा निवृत्त -उप महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए अपनी राज्य सत्ता को जनता के हित में सफलतापूर्वक चलाने के सिलसिले में भारत का इतिहास कई सफल नेत्रियों एवं महारानियों से भरा पड़ा है। इसी कड़ी में ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया का नाम भी बहुत गर्व के साथ... Continue Reading →
भारतीय संस्कृति में त्योहारों का आर्थिक मूल्यांकन सही रूप से अभी नहीं हुआ है…
प्रहलाद सबनानी सेवा निवृत्त उप महाप्रबंधक,भारतीय स्टेट बैंक एक आंकलन के अनुसार, दुनिया भर में सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योग एशिया पेसिफिक, उत्तरी अमेरिका, यूरोप एवं भारत में विकसित अवस्था में पाया गया है। इस उद्योग में विश्व की एक प्रतिशत आबादी को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। भारत में चूंकि इसके आर्थिक पहलू का मूल्यांकन नहीं... Continue Reading →
मात्र राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय खोल देने से रंगमंच के प्रति सरकार की जवाबदेही ख़त्म नहीं हो सकती- रविंद्र भारती
नाट्य प्रदर्शन एक पूजा होती है जिसके लिए कायदे कानून बने हैं, पर आज सब कुछ पारम्परिक और पौराणिक रूप से ख़त्म होता जा रहा है।
भारतीय सरकार द्वारा अचानक से धार्मिक स्थलों को विकसित करने में इतनी दिलचस्पी क्यों?
भारत में यात्रा एवं पर्यटन उद्योग 8 करोड़ व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है एवं देश के कुल रोजगार में पर्यटन उद्योग की 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
Rakshabandhan festival rejoices the feelings of responsibility, and cares through a sacred thread…
रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। रक्षाबंधन एक पवित्र सूत्र के जरिये एक -दूसरे के प्रति जिम्मेदारियों की भावनाओं को आनन्दित तरीके से बल देता है...
भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति के बारे में आंकड़े क्या कहते हैं ?
वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2021-22 के बीच भारतीय किसानों की आय औसतन 1.3 से 1.7 गुना बढ़ गई है।
क्या आप गुरु पूर्णिमा की परम्परा के पीछे छिपे उद्देश्यों को समझ पाये हैं?(गुरु पूर्णिमा पर विशेष आलेख )
जिन्हें हम शिव कहते हैं, पहले गुरु हैं, जिन्होंने मानवता को योग का विज्ञान प्रदान किया, जो आत्म-परिवर्तन का एक साधन है।
भारत सरकार द्वारा लिए जा रहे आर्थिक निर्णयों के पीछे क्या कारण है?
अतिथि लेखक: प्रहलाद सबनानी सेवा निवृत्त उप महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक ई-मेल - psabnani@rediffmail.com 1 जुलाई 2022 से केंद्र सरकार ने भारत से निर्यात किए जा रहे पेट्रोल, डीजल और एविएशन फ्यूल पर निर्यात कर बढ़ा दिया है। साथ ही, भारत में आयात किए जा रहे स्वर्ण पर आयात कर में भी भारी इजाफा कर दिया... Continue Reading →
विश्व व्यापार संगठन की बैठक में भारत की भूमिका कैसे विशेष रही?
5 दिनों तक लगातार चली बैठकों में स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा से जुड़े कुछ मुद्दों पर यह फैसले एकमत से लिये गये है।
अग्निपथ योजना एक मौका है उन युवाओं के लिए, जो देश की सेवा का जज़्बा रखते हैं …
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए भर्ती के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का फैसला किया है|आगे आने वाले 10 वर्षों में भारतीय सेना के पास लगभग 30 प्रतिशत का कुशल स्त्रोत उपलब्ध रहेगा जो सेना से प्रशिक्षित होगा। निश्चित ही उस समय पर यह कुशल स्त्रोत कोई और व्यवसाय कर रहा होगा परंतु इतना बड़ा कुशल स्त्रोत, जो सेना से प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ होगा, समाज और देश की सेवा के लिए एक बेशकीमती हीरे के रूप में सदैव ही उपलब्ध रहेगा।
क्या भारत की आर्थिक विकास की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है ?
कहीं भारतीय मुस्लिम समाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी षड्यंत्र का जाने-अनजाने में हिस्सा तो नहीं बन रहे हैं?
मुद्रा स्फीति नामक राक्षस पर अंकुश लगाने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर बढ़ाई
अभी हाल ही में दिनांक 04 मई 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 40 अंकों की वृद्धि कर इसे 4 प्रतिशत से बढ़ा कर 4.40 प्रतिशत कर दिया है। रेपो दर में उक्त वृद्धि 45 महीनों पश्चात अर्थात अगस्त 2018 के बाद की गई है। इसके तुरंत अगले दिन- 5 मई 2022... Continue Reading →
भारत में श्रम के साथ उद्यमिता का भाव जगाना भी जरूरी है…
किसी भी आर्थिक गतिविधि में सामान्यतः पांच घटक कार्य करते हैं - भूमि, पूंजी, श्रम, संगठन एवं साहस। हां, आजकल छठे घटक के रूप में आधुनिक तकनीकि का भी अधिक इस्तेमाल होने लगा है। परंतु पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में चूंकि केवल पूंजी पर ही विशेष ध्यान दिया जाता है अतः सबसे अधिक परेशानी, श्रमिकों के शोषण, बढ़ती... Continue Reading →
क्या भारतीय वित्तीय वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास की संभावनाएं हैं?
भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग सभी आर्थिक क्षेत्र, निष्पादन के मामले में, कोरोना महामारी के समय के पूर्व के स्तर से आगे निकल आए हैं।
वैश्विक पारम्परिक औषधि केंद्र की भारत में स्थापना गेम चेंजर साबित होगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में वैश्विक पारम्परिक औषधि केंद्र यानी ग्लोबल सेंटर फोर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए भारत सरकार के साथ समझौता किया है।
राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम की स्थापना का निर्णय, मील का पत्थर साबित होगा…
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, रेल्वे विभाग, सुरक्षा विभाग एवं दूरसंचार विभाग, आदि एवं केंद्र सरकार से जुड़े अन्य विभिन्न संस्थानों में उपयोग में नहीं आ रही ऐसी भूमि बहुत भारी मात्रा में उपलब्ध हैं जिनके स्वामित्व सम्बंधी कागजात इन संस्थानों/विभागों के पास उपलब्ध ही नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं विश्व बैंक ने गरीबी में आई कमी के लिए भारत को सराहा …
अब जब देश में अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से खुल चुकी है तो अब गरीब वर्ग के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मनरेगा योजना भी ग्रामीण इलाकों में वृहद स्तर पर चलायी जा रही है एवं इससे भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। निर्माण एवं पर्यटन क्षेत्र भी अब खोल दिए गए हैं जिससे इन क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर वापिस निर्मित होने लगे हैं। भारत में तो धार्मिक पर्यटन भी बहुत बढ़े स्तर पर होता है एवं धार्मिक स्थलों को खोलने से भी रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
पश्चिमी संगीत के शोर में ग़ज़ल को कई बार दबाया गया है – मोहम्मद वकील
पश्चिमी संगीत के शोर में ग़ज़ल को कई बार दबाया गया है । मेरे जीवन में ऐसे कई अवसर आये जब मुझे कहा गया कि आप भी वेस्टर्न म्यूजिक चुन लें , लेकिन मैंने अपने संगीत और संस्कृति के साथ समझौता नहीं किया|
जब एक रिक्शाचालक कृष्ण की भक्ति में विख्यात भजन गायक रसिक पागल बाबा बना…
सोशल मीडिया के दौर में आज किसी आम आदमी के अचानक मशहूर हो जाने से आश्चर्य नहीं होता है। हमारे आस-पास ऐसे ही कई उदाहरण होते हैं जो रातों-रात विख्यात हो गए। चाहे वह लक्जरी कार में चलने वाला अमीर व्यक्ति हो या फिर कोई आम रिक्शा चलाने वाला। आज से दश वर्ष पूर्व ऐसा... Continue Reading →
क्या वेब सीरीज भारत में बदलाव की पक्षधर है !
वेब श्रृंखला अब एक वास्तविकता है, हालांकि इसे इसकी उचित पहचान नहीं मिली है। एक अच्छी फिल्म की श्रेणी अंततः इस बात से तय की जाएगी कि वेब श्रृंखला कितनी प्रेरक और मानसिक रूप से दर्शकों को प्रभावित करती है, और इसे गलत प्रकार की भाषा या दृश्यों की बहुतायतता से प्रभावित नहीं होना चाहिए।“
कश्मीरी पंडितों के लिए गणतंत्र का असली सार क्या है?
हमारे संवैधानिक गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावना में उल्लिखित मूल्यों के सन्दर्भ में देखा जाये तो क्या हम गण और शासन के रूप में संवैधानिक मूल्यों का आदर और पालन करने में पूर्ण रूप से ईमानदार हैं ? क्या केवल तिरंगे को सम्मान दे देने से गणतंत्र अपने सगुण रूप में लौट आता है ? अगर ऐसा है तो फिर कश्मीरी पंडितों को 19 जनवरी को काला दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ती ?
एक चुने हुए वकील की तुलना में कोई भी व्यक्ति लेखन के माध्यम से पूरे समाज की भलाई तक पहुंच सकता है।-श्री पामर्ती वेंकटरमणा
"क्या आपने अपने कार्यों, विचारों, पड़ोस में भगवान को उपस्थित देखा है ! केवल प्रेम ही जीवन का गुण है। ”
[…] Must read: You can get healthy skin from Ayurveda- Dr. Harpreet Arora I am losing my Hair. What should…
[…] Read “The intellectual warfare on social media must be fought with greater awareness, alertness, unity of purpose, a proactive…
[…] Despite being praised by many across the globe, India still deserves praise because of its eternal law, which its…
[…] For food choices, visit https://journals-times.com/2022/08/26/make-my-plate-chart-a-part-of-your-daily-routine-to-boost-your… […]
[…] Read another article by Dr. Harpreet Arora on Gut Health at https://journals-times.com/2022/08/01/the-gut-health-issue-can-be-resolved-without-a-handful-of-medi… […]